AIN NEWS 1 | तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। हादसे को लेकर अभिनेता से नेता बने विजय ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विजय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि “घटना का सच जल्द सामने आएगा और मैं किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हूं।” उन्होंने यह भी साफ कहा कि अगर मुख्यमंत्री बदला लेना चाहते हैं तो उन्हें निशाना बनाएं लेकिन उनकी पार्टी के पदाधिकारियों को परेशान न करें।
विजय का बयान
विजय ने कहा –
“मैं करूर नहीं गया क्योंकि मेरी मौजूदगी से वहां और असामान्य स्थिति बन सकती थी।”
“मैं जल्द ही पीड़ित परिवारों और घायलों से मिलने जाऊंगा।”
“सीएम सर, आप मेरे खिलाफ कोई भी कदम उठा सकते हैं लेकिन मेरे पार्टी कार्यकर्ताओं को नुकसान न पहुंचाएं।”
उन्होंने दावा किया कि हादसे वाले दिन भीड़ बढ़ने के कारण वह समय रहते वहां से निकल गए थे।
पुलिस और सरकार की कार्रवाई
करूर भगदड़ के बाद पुलिस ने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के कई पदाधिकारियों पर केस दर्ज किया है। इनमें वरिष्ठ नेता बस्सी एन आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार के नाम शामिल हैं। इसके अलावा टीवीके के करूर जिला सचिव मथियाझागन और पदाधिकारी पौन राज को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
तमिलनाडु सरकार का कहना है कि रैली में अनुमानित 10 हजार की जगह करीब 25 हजार लोग पहुंच गए थे। भीड़ को संभालने में बड़ी मुश्किल हुई। सरकार का यह भी आरोप है कि पुलिस ने विजय और आयोजकों से भीड़ बढ़ने पर रोकने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी।
विपक्ष का हमला
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने भी घटनास्थल का दौरा किया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा –
“भीड़ को नियंत्रित करने की कोई कोशिश नहीं हुई।”
“घायलों को पास के प्राइवेट अस्पतालों की बजाय दूर सरकारी अस्पताल में ले जाया गया।”
“स्थानीय प्रशासन और डीएमके सरकार जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।”
अनुराग ठाकुर ने मांग की कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज से कराई जानी चाहिए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।

