बिहार चुनाव 2025: चिराग पासवान बोले – मेरी राजनीति का आधार जाति नहीं, बल्कि ‘बिहारी पहचान’ है

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मुख्य बिंदु:

  • चिराग पासवान बोले: मेरी राजनीति जाति नहीं, बल्कि ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ पर आधारित है

  • तेजस्वी यादव पर निशाना: ‘एम-वाई’ समीकरण के बजाय महिला और युवा हैं हमारी प्राथमिकता

  • चिराग ने कहा: अब वक्त है कि बिहार की राजनीति में महिलाओं और युवाओं को आगे लाया जाए

चिराग पासवान का बड़ा बयान: ‘जाति नहीं, बिहारी मेरी पहचान’

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक अहम बयान देते हुए कहा है कि उनकी राजनीति जातिगत समीकरणों पर नहीं, बल्कि बिहारी पहचान पर आधारित है।

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा:

“मैं 14 करोड़ बिहारियों की बात करूंगा, बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट की बात करूंगा। मेरी राजनीति हर वर्ग को साथ लेकर चलने की है।”

तेजस्वी यादव पर सीधा हमला

तेजस्वी यादव को घेरते हुए चिराग ने कहा कि वे सिर्फ जाति आधारित राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा:

“तेजस्वी के दिमाग में EBC, OBC, दलित और जातियां हैं, जबकि हमारे लिए हर नागरिक ‘बिहारी’ है। जो नेता ‘एम-वाई’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण को गर्व से पहनते हैं, वे समाज को बांटने की राजनीति करते रहेंगे।”

‘एम-वाई’ का नया अर्थ: महिला और युवा

चिराग पासवान ने ‘एम-वाई’ समीकरण को नया अर्थ देते हुए कहा:“हमारी पार्टी के लिए एम-वाई मतलब महिला और युवा है। बिहार की नई राजनीति अब इन दो वर्गों की भागीदारी से तय होगी।”उन्होंने कहा कि बिहार की असली ताकत महिलाएं और युवा हैं और यही वर्ग भविष्य के बिहार की दिशा तय करेगा।

युवाओं और रोजगार पर फोकस

चिराग ने कहा कि उनकी प्राथमिकता युवाओं के लिए रोजगार, महिलाओं की भागीदारी, और हर नागरिक को सम्मान देना है।“मेरी राजनीति का मकसद है कि हर बिहारी खुद को इस व्यवस्था का हिस्सा महसूस करे। विकास और सम्मान हमारा लक्ष्य है।”

प्रशांत किशोर के आरोपों की जांच की मांग

उन्होंने प्रशांत किशोर द्वारा बिहार सरकार के एक मंत्री पर लगाए गए आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी और निष्पक्ष जांच की मांग की। चिराग ने कहा कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

मतदाता सूची और विपक्ष पर हमला

चुनाव आयोग द्वारा जारी नई मतदाता सूची पर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग ने कहा:“यह रिपोर्ट पहले से अपेक्षित थी। अब देखना है कि विपक्ष इसे किस तरह से राजनीतिक मुद्दा बनाता है। यदि कोई गड़बड़ीहोती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की होगी।”उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहा है, जिससे जनता अब जागरूक हो चुकी है।

निष्कर्ष

बिहार चुनाव 2025 के लिए चिराग पासवान ने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है — जातिवाद से ऊपर उठकर बिहारी पहचान, महिला और युवा केंद्रित राजनीति। तेजस्वी यादव पर सीधा हमला और ‘एम-वाई’ समीकरण को नया मतलब देना उनकी राजनीतिक दिशा को साफ दिखाता है। आने वाले समय में बिहार की राजनीति में यह सोच कितना असर डालती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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