मुख्य बिंदु:
करूर में TVK रैली के दौरान भगदड़ से 41 की मौत, 60 से अधिक घायल
एक्टर और टीवीके प्रमुख विजय ने वीडियो मैसेज में जताया गहरा दुख
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को दी चुनौती, कहा – “मेरे खिलाफ एक्शन लें, लेकिन कार्यकर्ताओं को न सताएं”
करूर भगदड़ पर बोले एक्टर विजय: “मैंने ऐसी दर्दनाक घटना पहले कभी नहीं देखी”
तमिलनाडु के करूर जिले में 27 सितंबर, 2025 को हुई टीवीके (तमिलगा वेट्री कझगम) रैली में मची भीषण भगदड़ के बाद पार्टी प्रमुख और अभिनेता विजय ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। इस हादसे में 41 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
दो दिन की चुप्पी के बाद 30 सितंबर को विजय ने वीडियो मैसेज के जरिए दुख और चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे दर्दनाक अनुभव है और जल्द ही इस हादसे का सच सामने आएगा।
“राजनीति से ऊपर है यह त्रासदी” – विजय
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर टीवीके के आधिकारिक हैंडल से साझा किए गए वीडियो में विजय ने कहा:”जो नहीं होना चाहिए था, वो हो गया। मैंने अपने जीवन में कभी इतनी पीड़ा नहीं देखी। राजनीति से ऊपर उठकर, हम हमेशा पुलिस से सुरक्षित स्थान की अनुमति लेते हैं। इसके बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।”
“मैं पीड़ितों से मिलूंगा, लेकिन सही समय पर”
विजय ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अभी तक करूर का दौरा नहीं किया, ताकि वहां असामान्य स्थिति पैदा न हो। उन्होंने आश्वासन दिया कि:”मैं जल्द ही घायलों और मृतकों के परिवारों से मिलूंगा। यह मेरा नैतिक दायित्व है।”
मुख्यमंत्री को सीधी चुनौती: “मेरे खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन…”
अपने वीडियो संदेश में विजय ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सीधी चुनौती देते हुए कहा:”मुख्यमंत्री महोदय, यदि बदले की भावना है, तो मेरे घर आइए, मेरे खिलाफ कार्रवाई कीजिए। लेकिन कृपया पार्टी कार्यकर्ताओं को न सताएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि करूर रैली के दिन वे सुरक्षा कारणों से जल्दी रवाना हो गए थे।
टीवीके नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज
करूर हादसे के बाद पुलिस ने टीवीके नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इनमें शामिल हैं:
बस्सी एन. आनंद (वरिष्ठ नेता)
सीटीआर निर्मल कुमार (टीवीके नेता)
पुलिस जांच के अनुसार, अनियंत्रित भीड़ और खराब प्रबंधन हादसे का कारण माना जा रहा है।
निष्कर्ष
करूर हादसे ने तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है। अभिनेता से नेता बने विजय ने जहां भावनात्मक अपील और जिम्मेदारी का संदेश दिया, वहीं उन्होंने राजनीतिक दबाव और कार्रवाई के संकेत भी दिए। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और विपक्ष इसे किस तरह भुनाता है।

