मुख्य बिंदु:
ओवैसी ने कहा, पाहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को जवाब देने का मौका गंवा दिया गया
पीएम बनने की कल्पना पर बोले – “हकीकत पर ध्यान देता हूं”
ऑपरेशन सिंदूर और पीओके पर संसद चर्चा का भी किया ज़िक्र
ओवैसी का बड़ा बयान: “सपना नहीं देखता, हकीकत पर ध्यान देता हूं”
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने 30 सितंबर 2025 को पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वे प्रधानमंत्री बनने की कल्पनाओं में नहीं रहते। उन्होंने कहा:
“मुझे प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखना। मैं अपनी जिम्मेदारियों और सीमाओं को समझता हूं। मेरा लक्ष्य पद पाना नहीं, बल्कि लोगों की आवाज़ बनना है।”
पाहलगाम आतंकी हमले पर सरकार को घेरा
ओवैसी ने कहा कि पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने वह अवसर गंवा दिया।
“पूरा देश जवाब देने को तैयार था। पाकिस्तान से ड्रोन गुजरात से कश्मीर तक उड़ रहे थे। लेकिन कार्रवाई को अचानक रोक दिया गया। यह एक रणनीतिक गलती थी।”
ऑपरेशन सिंदूर और पीओके पर संसद चर्चा
ओवैसी ने ऑपरेशन सिंदूर का भी ज़िक्र किया, जो कि 22 अप्रैल को हुए पाहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई हमले और आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। हालांकि, सरकार की ओर से कहा गया था कि ऑपरेशन को “रोक दिया गया है, बंद नहीं।”
ओवैसी ने कहा:“अगर सरकार को पीओके पर सच में कोई कार्रवाई करनी थी, तो यह सबसे सही वक्त था। लेकिन संसद में चर्चा के बावजूद व्यवहारिक कदम नहीं उठाए गए।”
भारत-पाक क्रिकेट मैच और चुनावी तैयारी
निष्कर्ष
ओवैसी ने हाल ही में हुए एशिया कप टूर्नामेंट में भारत के पाकिस्तान के खिलाफ रुख की आलोचना करते हुए इसे नरम रुख बताया। साथ ही उन्होंने एलान किया कि AIMIM महाराष्ट्र के आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेगी।
ओवैसी का बयान साफ तौर पर इस बात की ओर इशारा करता है कि विपक्ष सरकार की विदेश नीति और रक्षा नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। पाहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को जवाब न देना, ओवैसी के अनुसार, एक रणनीतिक चूक रही। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की संभावना को खारिज कर दिया, लेकिन उनकी बातों में एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश छिपा है – देश की सुरक्षा और जवाबदेही सर्वोपरि है।

