मुख्य बिंदु:
बेरोजगारी और पलायन बना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
लालू परिवार के विवाद का जनता पर कम प्रभाव
पैसे मिलने के बावजूद वोटिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव नहीं
बिहार विधानसभा चुनाव 2025:
बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस बार राजनीतिक माहौल में काफी हलचल देखने को मिल रही है। 20 साल से सत्ता में बने नीतीश कुमार के खिलाफ इस बार एंटी इनकंबेंसी की लहर देखी जा रही है। ऐसे में जनता का मूड जानने के लिए वोट वाइब ने एक सर्वे किया, जिसके नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं।
लालू परिवार का विवाद: कितना असर पड़ेगा चुनाव पर?
वोट वाइब सर्वे के अनुसार जब लोगों से लालू परिवार के आंतरिक विवाद (विशेषकर तेज प्रताप यादव से जुड़ा मामला) के बारे में पूछा गया तो:
45.8% लोगों ने कहा कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
29.5% ने माना कि इसका नकारात्मक असर हो सकता है।
24.8% ने कहा कि वे स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह सकते।
सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या है?
जनता से जब चुनावी मुद्दों को लेकर सवाल किया गया तो जवाब कुछ इस प्रकार थे:
बेरोजगारी और पलायन: 38.4% लोगों ने इसे सबसे बड़ा मुद्दा बताया।
वोट चोरी: 15.7% लोगों ने इसे प्राथमिक चिंता बताया।
भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था: 13% लोगों ने इस पर चिंता जताई।
शिक्षा और स्वास्थ्य: 7.6% ने इसे मुद्दा माना।
शराबबंदी: केवल 4.7% ने इसे चुनावी मुद्दा माना।
महिलाओं को 10 हजार रुपये मिलने पर वोटिंग पैटर्न
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा बिहार की महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता दी गई। इस फैसले का वोट पर क्या असर होगा?
34.8% लोग अब भी एनडीए को वोट देंगे।
34.9% ने कहा कि वे महागठबंधन को वोट करेंगे।
11% का कहना है कि पैसा मिले या न मिले, वे जनसुराज को वोट करेंगे।
5.8% ने माना कि पैसा मिलने के बाद वे एनडीए को वोट देने को तैयार हैं।
पीएम मोदी की मां पर AI वीडियो: जनता की राय
कांग्रेस द्वारा पीएम मोदी की दिवंगत मां पर बनाए गए AI वीडियो को लेकर जनता से जब सवाल पूछा गया:
49.8% लोगों ने कहा कि इसका कोई असर नहीं होगा।
14.7% ने माना कि इससे स्विंग वोटर्स प्रभावित हो सकते हैं।
13% लोगों ने कहा कि वे इस पर कुछ नहीं कह सकते।
जनसुराज और प्रशांत किशोर की भूमिका
प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को लेकर भी सवाल पूछे गए:
56.3% ने कहा कि जनसुराज सिर्फ वोट कटवा का काम करेगी।
15.8% ने जनसुराज को किंग मेकर बताया।
8.4% लोगों ने यहां तक कहा कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोट वाइब का यह सर्वे साफ संकेत देता है कि जनता के मुद्दे बदल रहे हैं। बेरोजगारी, पलायन, और वोट चोरी जैसे मुद्दे लोगों की प्राथमिकता में हैं, जबकि जातीय समीकरण और पारिवारिक विवादों का असर सीमित है। नीतीश कुमार के खिलाफ नाराजगी जरूर है, लेकिन किसे फायदा होगा – इसका फैसला अब भी जनता के मन में बाकी है।

