PKN Live: दिवाली के शुभ अवसर पर हिंदू जागरण मंच के क्षेत्रीय अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने समाज को एकता, प्रेम और पारिवारिक मेलजोल का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि यह पर्व केवल दीप जलाने या मिठाइयां बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और परिवार में अपनापन बढ़ाने का अवसर है।
राजेंद्र शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता, एकता और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को बढ़ावा देना है। हम लगातार प्रयास करते हैं कि लोग आपस में जुड़ें और समाज में सद्भाव बना रहे।”
दिवाली: केवल रोशनी नहीं, रिश्तों को जोड़ने का पर्व
उन्होंने बताया कि आधुनिक जीवनशैली में लोग एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। परिवारों में समय की कमी और सामाजिक दूरी बढ़ रही है। ऐसे में दिवाली एक अवसर है जब हम अपने परिवार, मित्र और पड़ोसियों से जुड़ सकते हैं।
“हर घर में दीपक तभी जगमगाएंगे जब हमारे दिलों में प्रेम की लौ जलती रहेगी।” शर्मा ने लोगों से अपील की कि वे दिवाली को केवल आतिशबाजी या दिखावे तक सीमित न रखें, बल्कि इसे सामाजिक जुड़ाव और मानवता के संदेश का माध्यम बनाएं।
हिंदू जागरण मंच की भूमिका और दृष्टि
हिंदू जागरण मंच समाज के उत्थान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए दशकों से सक्रिय है। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि समाज सुधार और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना भी है।
राजेंद्र शर्मा ने कहा, “हम लोगों को भारतीय परंपरा, संस्कार और राष्ट्रीय एकता के महत्व के बारे में जागरूक करते हैं। जब व्यक्ति आत्मगौरव से भरा होगा, तभी राष्ट्र मजबूत होगा।”
संवाद और सहयोग से समाज में स्थिरता
शर्मा ने यह भी बताया कि छोटे-छोटे मुद्दों पर मतभेद समाज में दूरियां बढ़ाते हैं। ऐसे में संवाद और सहयोग की भावना ही हमें एकजुट रख सकती है। उन्होंने कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उन सभी के साथ हैं जो राष्ट्र और समाज के हित में सोचते हैं।”
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि त्योहार के दौरान जरूरतमंदों की मदद करें। उनका मानना है कि दिवाली का असली अर्थ तभी पूरा होगा जब समाज के हर कोने में उजाला पहुंचे।
परिवार और समाज के बीच पुल
शर्मा ने जोर देकर कहा कि त्योहार समाज में पुल का काम करते हैं, दीवार का नहीं। दिवाली जैसे पर्व हमें व्यक्तिगत सुख के साथ सामूहिक खुशी का महत्व भी सिखाते हैं। हिंदू जागरण मंच हर साल त्योहारों पर जनसंपर्क अभियान चलाता है, जिसमें घर-घर जाकर लोगों को सामाजिक संदेश दिए जाते हैं।
“हम हर धर्म और वर्ग के लोगों से संवाद करते हैं। हमारा उद्देश्य जोड़ना है, अलग करना नहीं — यही भारत की असली पहचान है।”
सांस्कृतिक परंपराओं को बचाना
राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में हमारी पारंपरिक संस्कृति पीछे छूट रही है। उन्होंने बताया कि दिवाली जैसे पर्वों को मूल स्वरूप में मनाना जरूरी है।
“विदेशी चीजों की नकल न करें। मिट्टी के दीए जलाएं, देशी मिठाई खाएं, पारंपरिक वेशभूषा अपनाएं और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार रहें।” उन्होंने यह भी कहा कि मंच ‘स्वदेशी अपनाओ, संस्कृति बचाओ’ अभियान चला रहा है ताकि लोग भारतीय उत्पादों का समर्थन करें और छोटे कारीगरों को लाभ मिले।
परिवार को एकजुट रखने की अपील
शर्मा ने कहा, “परिवार भारतीय समाज की सबसे बड़ी ताकत है। परिवार मजबूत होगा तो समाज और देश भी मजबूत होगा।” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने बुजुर्गों के साथ समय बिताएं, उनकी कहानियों से सीखें और त्योहार के असली अर्थ को समझें।
हिंदू जागरण मंच का सामाजिक संदेश
राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मंच हमेशा समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करता रहेगा। आगामी महीनों में शिक्षा, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देने वाले कई सेवा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
“हमारा लक्ष्य धर्म की रक्षा नहीं बल्कि मानवता की रक्षा है। हिंदू जागरण मंच ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना के साथ कार्य करता रहेगा।”
प्रेम, एकता और कर्तव्य का पर्व
अंत में शर्मा ने कहा, “दिवाली केवल घरों में नहीं, दिलों में भी रोशनी फैलाने का अवसर है। जब समाज एकजुट होगा और हर परिवार में प्रेम और सहयोग का दीप जलेगा, तभी सच्चे अर्थों में भारत जगमगाएगा।”
उन्होंने सभी देशवासियों को शुभ दीपावली की बधाई दी और अपील की कि यह पर्व स्वच्छता, सौहार्द और एकता के साथ मनाया जाए।

