Kantara 2 Review: ऋषभ शेट्टी का दमदार अभिनय और रहस्यमयी कहानी

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Kantara 2 या Kantara Chapter 1 दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यह फिल्म अब सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और सात भाषाओं में उपलब्ध है। कहानी कर्नाटक के काल्पनिक गांव Kantara और उसके आसपास के जंगलों पर आधारित है।

गांववासी मानते हैं कि देवता उनकी रक्षा करते हैं। लेकिन राजा और उसका बेटा कुलसेखर गांव व जंगल की भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं। कुलसेखर का अत्याचार बढ़ता है। इस दौरान आदिवासी नेता बर्मे अपनी रणनीति और साहस से उसका सामना करता है और गुलिका अनुष्ठान से कुलसेखर का अंत कर देता है।

लेकिन यही पर कहानी और भी रोमांचक हो जाती है। Kantara Chapter 1 यह साबित करता है कि फिल्म में छल, राजनीति और रहस्य सबकुछ है।

Kantara 2 : किरदार और अभिनय

ऋषभ शेट्टी ने बर्मे के किरदार में शानदार अभिनय किया है। उनका परफॉर्मेंस इतना प्रभावी है कि दर्शक इसे लंबे समय तक याद रखेंगे।
रुक्मिणी वसंत की एंट्री कहानी में सरप्राइज और नया ट्विस्ट लाती है। उनका किरदार कहानी को गहराई देता है।
गुलशन देवैया और जयराम ने भी अपने-अपने किरदारों में मजबूती दिखाई।

Kantara 2 :डायरेक्शन और तकनीकी पहलू

फिल्म का निर्देशन ऋषभ शेट्टी ने रॉ और रियल टोन में किया है। जंगल और गांव की लोकेशन को अरविंद एस. कश्यप की सिनेमैटोग्राफी ने खूबसूरती से दिखाया है।
प्रोडक्शन डिजाइन आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाता है।
एक्शन सीन्स रोमांचक हैं, वहीं बैकग्राउंड स्कोर (अजनीश लोकनाथ) फिल्म को और असरदार बनाता है।

Kantara  की तरह इस फिल्म में भी एक्शन और विजुअल्स पर खास ध्यान दिया गया है।

Kantara 2 : संगीत और माहौल

फिल्म का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर कहानी में जान डालता है। गाने फिल्म को और मजबूत बनाते हैं।

फाइनल वर्डिक्ट

Kantara Chapter 1 बताता है कि यह सिर्फ फिल्म नहीं, बल्कि अनुभव है। इसमें लोककथाएं, विश्वास और रहस्य सब शामिल है। दमदार अभिनय, शानदार विजुअल्स और रहस्यमयी कहानी इसे खास बनाते हैं। हालांकि कुछ ग्राफिक्स कमजोर हैं और गति थोड़ी धीमी लगती है, लेकिन यह फिल्म देखने योग्य है।

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