मुख्य बिंदु:
छात्राओं को अश्लील मैसेज भेजता था चैतन्यानंद
चोरी-छिपे खींचता था महिलाओं की तस्वीरें
दुबई के शेख के नाम पर देता था संदिग्ध ऑफर
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का मामला
छात्राओं के यौन शोषण के गंभीर आरोपों में घिरे स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अब कानून के शिकंजे में फंस चुके हैं। जांच में उसके मोबाइल और व्हाट्सऐप चैट से कई आपत्तिजनक और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस के अनुसार, वह छात्राओं को गंदे संदेश भेजता था, उनकी चोरी-छिपे तस्वीरें खींचता था, और सीसीटीवी ऐप के जरिए जासूसी करता था।
व्हाट्सऐप चैट में क्या-क्या खुलासा हुआ?
एक छात्रा से हुई बातचीत में चैतन्यानंद ने दुबई के एक शेख का जिक्र किया और यह पूछने लगा कि क्या उसकी कोई दोस्त है जिसे वह “पार्टनर” बना सके। जब छात्रा ने मना किया, तो उसने बार-बार दबाव बनाने की कोशिश की:
चैतन्यानंद: दुबई के एक शेख को पार्टनर चाहिए, तुम्हारी कोई अच्छी दोस्त है?
छात्रा: कोई नहीं है
चैतन्यानंद: ये कैसे संभव हो सकता है?
छात्रा: मुझे नहीं पता
चैतन्यानंद: कोई क्लासमेट या जूनियर?
एक अन्य छात्रा को उसने बार-बार मैसेज कर परेशान किया:
“बेबी” (शाम 7:49 बजे)
“गुड मॉर्निंग बेबी” (रात 12:40 बजे)
“मुझसे क्यों गुस्सा हो?” (रात 12:41 बजे)
ये संदेश बताते हैं कि वह छात्राओं को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था।
चोरी-छिपे खींची तस्वीरें और सीसीटीवी से जासूसी
पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद ने महिला कर्मचारियों और छात्राओं की चोरी-छिपे तस्वीरें खींचीं, और उनके दैनिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी मॉनिटरिंग ऐप का उपयोग किया।
महिला स्टाफ की भूमिका
पुलिस ने इस मामले में तीन महिला सहयोगियों की भी भूमिका की जांच की है। ये तीनों महिलाएं आपस में बहनें हैं—एक संस्थान की डीन और दो अन्य छात्रावास की वार्डन।
इन पर आरोप है कि इन्होंने पीड़ित छात्राओं को धमकाया और उन्हें चैतन्यानंद के भेजे गए अश्लील मैसेज डिलीट करने के लिए मजबूर किया।
एयर होस्टेस की नौकरी का झांसा
चैतन्यानंद छात्राओं को नौकरी दिलाने का झांसा देता था, खासतौर पर उन्हें एयर होस्टेस बनने के सपने दिखाकर अपने जाल में फंसाता था। यह उसकी शोषण की रणनीति का हिस्सा था।
निष्कर्ष:
स्वामी चैतन्यानंद का मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि कैसे धार्मिक और सामाजिक प्रतिष्ठा की आड़ में कुछ लोग अपनी सत्ता का दुरुपयोग करते हैं। व्हाट्सऐप चैट्स, चोरी-छिपे तस्वीरें और छात्राओं को गुमराह करने वाली बातें इस बात का सबूत हैं कि यह मामला सिर्फ यौन शोषण तक सीमित नहीं, बल्कि एक सुनियोजित शोषण की साजिश थी।

